मंजिल पाने की तलब में हमसफ़र बदल लेते हैं,
यहाँ लोग कदम कदम पर रास्ता बदल लेते हैं,
उससे कहदो की ज़रा सोच समझकर लगाये दिल किसी से,
वक़्त गुजरता नहीं की लोग दिल बदल लेते हैं,
एक महखाने से उठे तो दुसरे में जा बेठे,
पैमाने के साथ साथ लोग साकी बदल लेते हैं,
मत कर किसी की दोस्ती का यकीन इस ज़ालिम दुनिया में "अंकित",
यहाँ मंसूबें बदलते ही लोग दोस्त बदल लेते हैं......
यहाँ लोग कदम कदम पर रास्ता बदल लेते हैं,
उससे कहदो की ज़रा सोच समझकर लगाये दिल किसी से,
वक़्त गुजरता नहीं की लोग दिल बदल लेते हैं,
एक महखाने से उठे तो दुसरे में जा बेठे,
पैमाने के साथ साथ लोग साकी बदल लेते हैं,
मत कर किसी की दोस्ती का यकीन इस ज़ालिम दुनिया में "अंकित",
यहाँ मंसूबें बदलते ही लोग दोस्त बदल लेते हैं......
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