Sunday, 25 March 2012

आँखों में अपनी कई ख्वाब सजा कर लाया हूँ.....

सजदा करने तेरी चोखट पर आया हूँ,
अरमानो के सायें में तुझसे मिलने आया हूँ,

अब मुझको भी चैन की नींद सो लेने दे,
आँखों में अपनी कई ख्वाब सजा कर लाया हूँ,

अब तो मुझपर रहम कर दे मोह्हबत का,
एक अरसे से दिल को सिर्फ तेरे नाम से बहलाया हूँ,

तू क्यों नहीं आता फ़क़त तेरी याद आ जाती है,
क्या अपना पता सिर्फ तेरी यादों को बतलाया हूँ,

बेशक तू मुझे नवाज दे सजा-ए-मौत,
लेकिन गौर कर की अपनी जिंदगी में तुझको बनाया हूँ......

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