अपने लबो से लेकर तुने नाम मेरा,
खूबसूरत किया है तुने अंजाम मेरा,
तेरी इबादत में गुजार दूं जिंदगी सारी,
अब इसके अलावा नहीं कोई काम मेरा,
कुछ ऐसी शिद्द्त से तुने लगाया सीने से मुझे,
की याद आया यही तो था मुकाम मेरा,
झुकी झुकी नजरो से तुने पुकारा मुझे,
सिर्फ तुने ही तो किया है एहतराम मेरा,
कुछ इस कदर से हुई मोह्हबत खुद के नाम से "अंकित".
की जचता नहीं अब कोई मुझे हमनाम मेरा.......
खूबसूरत किया है तुने अंजाम मेरा,
तेरी इबादत में गुजार दूं जिंदगी सारी,
अब इसके अलावा नहीं कोई काम मेरा,
कुछ ऐसी शिद्द्त से तुने लगाया सीने से मुझे,
की याद आया यही तो था मुकाम मेरा,
झुकी झुकी नजरो से तुने पुकारा मुझे,
सिर्फ तुने ही तो किया है एहतराम मेरा,
कुछ इस कदर से हुई मोह्हबत खुद के नाम से "अंकित".
की जचता नहीं अब कोई मुझे हमनाम मेरा.......
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