बहाने क्या बनाऊ तुझसे मिलने के लिए,
कोई मेरी फ़रियाद सुनता भी तो नहीं,
एक दुसरे से जुदा होकर जीना मुश्किल है,
लेकिन यह बात ज़माना मानता भी तो नहीं,
बंदगी किसकी करूँ तुझे पाने के लिए,
एक खुदा है जो दीखता भी तो नहीं,
कैसे सुने कोई तड़प इस दिल की,
यह महफिलों में चीखता भी तो नहीं,
आखिर कैसे न सोचूं तुझसे मोह्हबत के बारे में,
यह मौसम बहार का रुकता भी तो नहीं,
वो तो चल दिए कहकर की मुलाकात ख्वाबों में करेंगे,
कोई बतलाये उन्हें, "अंकित" उनकी याद में सोता भी तो नहीं.......
कोई मेरी फ़रियाद सुनता भी तो नहीं,
एक दुसरे से जुदा होकर जीना मुश्किल है,
लेकिन यह बात ज़माना मानता भी तो नहीं,
बंदगी किसकी करूँ तुझे पाने के लिए,
एक खुदा है जो दीखता भी तो नहीं,
कैसे सुने कोई तड़प इस दिल की,
यह महफिलों में चीखता भी तो नहीं,
आखिर कैसे न सोचूं तुझसे मोह्हबत के बारे में,
यह मौसम बहार का रुकता भी तो नहीं,
वो तो चल दिए कहकर की मुलाकात ख्वाबों में करेंगे,
कोई बतलाये उन्हें, "अंकित" उनकी याद में सोता भी तो नहीं.......
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