Friday, 13 January 2012

पुरवईया......

चले रे चले रे, चले, चले रे चले रे, चले,
चले रे चले रे चले पुरवईया......
रैना बीते सावन भादो,
रैना बीते सावन भादो,
प्यासी है हर नदिया नदिया,

चले रे चले रे, चले, चले रे चले रे, चले,
चले रे चले रे चले पुरवईया ......
रतिया रतिया तनहा रतिया,
रतिया रतिया तनहा रतिया,
नैना खेले आँख मिचोली,
रतिया रतिया तनहा रतिया,
तेरी सुध में घुमुं दर दर,
मूंदे अपनी अँखियाँ अँखियाँ, 

चले रे चले रे, चले, चले रे चले रे, चले,
चले रे चले रे चले पुरवईया ......
आस में थारी बीती रतिया,
आस में थारी बीती रतिया,
जोगन बन बन पुकारूँ सैयां,
आस में थारी बीती रतिया,
रोक परिंदा को में छत पर,
करूँ बस थारी बतिया बतिया, 

चले रे चले रे, चले, चले रे चले रे, चले,
चले रे चले रे चले पुरवईया ......
चोखट थारी मारा मंदिर,
चोखट थारी मारा मंदिर,

देवता तू मैं हूँ पुजारिन,
चोखट थारी मारा मंदिर, 
करूँ आरती दिन और रतिया,
और निहारूं थारी सुरतिया........

चले रे चले रे, चले, चले रे चले रे, चले,
चले रे चले रे चले पुरवईया ......



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