पहली मुलाकात में यह बात हो गयी,
बातें करते करते उनसे मोह्हबत हो गयी,
इतना प्यारा चेहरा था की हमसे गुस्ताखी हो गयी,
पहली दफा किसी को दोस्ती से पहले मोह्हबत हो गयी,
नजरे उठी उठकर झुकी,अदा उनकी भी दिलनशी हो गयी,
सिर्फ मुझे उनसे ही नहीं, उन्हें भी मुझसे मोह्हबत हो गयी,
बारिश हुई बिन मौसम के तो यह रजा हो गयी,
खुदा को भी मेरी मोह्हबत से मोह्हबत हो गयी,
आखिर किस सोच में बेठे बेठे लिखदी तुने यह "शायरी" "अंकित",
एक बार तो कर बेठे हो जिंदगी तबहा, क्या फिर से तबाही की इजाजत हो गयी....
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