Thursday, 27 October 2011

जिस शख्स से दिल लगाया वो इन अश्कों के काबिल न था.....

मोह्हबत की है तो  आंसुओं से तो खेलना ही था,
लेकिन, जिस शख्स से दिल लगाया वो इन अश्कों के काबिल न था,

बेबाक हो गए हम सारे ज़माने के सामने उसकी खातिर,
हमारी इस फितरत से उसे तो पाक होना ही था,

इतना भी ग़म सहना ठीक नहीं "अंकित",
कुछ गमो का भागिदार तो वो भी था,

ज़मीन से आसमान तक हिला दिया दुआओं से अपनी,
लेकिन वो रकीब था उसे हबीब होना ही न था,

चला गया था मेरा शहर छोड़ के, एक वक़्त बाद वापिस लौट आया,
वो बेवफा था उसे तनहा तो होना ही था,

अगर ना निकलता तू खामियां मुझमे किसी के कहने से,
तो तुझे यूँ तनहा कभी न होना था,

अब मुझे तेरी मोह्हबत की जरुरत नहीं,
मेरा दिल पाक था, मुझे किसी और का तो होना ही था.....

No comments:

Post a Comment

About Me

My photo
I am very sensative and emotional type of guy, and i can't live without 3 things my love,poetry,my friends.