Wednesday, 28 September 2011

मेरी जिंदगी.....

बहुत खामियां निकालते है लोग मेरी जिंदगी में,
पर कभी कोई शख्स उन खामियों की वजह नहीं तलाशता,

हर एक शख्स ठेराता है मुझे ही गुनेघार,
पर कोई अपना गिरेबान झाककर नहीं देखता,

मैं हसूँ तो लाखो सवाल उठ जाते हैं,
पर मैं रोता हूँ तो कोई मेरे आंसूं पोछने भी नहीं आता,

मेरी मोह्हबत मेरे आंसुओं का मजाक बना देते हैं सब,
पर कोई मेरे दिल ए पाक नहीं समझता,

मेरी जिंदगी ने भी मुझे एक खिलोने सा बना दिया,
जो चाहता है वो तोड़ता है, जो चाहता है वो जोड़ता है,
पर मुझसे कभी कोई मेरे दर्द की इन्तहा नहीं पूछता....


Monday, 19 September 2011

कोई तो रोको, उसे दुल्हन बनाया जा रहा है....

कोई तो रोको, उसे दुल्हन बनाया जा रहा है,
मेरी जान के हाथों में मेहँदी का रंग सजाया जा रहा है,

जिसकी डोली उठ के आनी थी मेरे घर,
उसे मेरी आँखों के सामने किसी और को सोंपा जा रहा है,

जिसने देखे थे सपने मेरे संग मोह्हबत भरे,
उसे अब एक कोरा कागज बनाया जा रहा है,
अपनी इज्ज़त की दलील देकर उसकी जुबां खामोश कर दी उसके माँ बाप ने,
मुझको मौत की सजा और उसको जिंदा लाश बनाया जा रहा है,

न जाने किस बात पर आंसूं बहा रहें हैं सब,
उसे खुशियों का नहीं बल्कि  गमो का बाज़ार सोंपा जा रहा है,

उसकी भी विदाई है और मेरी भी,
फर्क सिर्फ इतना है की उसे डोली में और मुझे जनाज़े पर ले जाया जा रहा है....

Tuesday, 13 September 2011

मुझसे रूठा नहीं जाता....

कौन कहता है की वो मुझे अपना चेहरा नहीं दिखाता,
चाँद छुपा है अभी  बादलों में अहिस्ता अहिस्ता है नजर आता,

कैसे कह सकते हो की वो खुश है मेरे बगैर,
काजल तो उसका है अक्सर फैला नजर आता,

वैसे तो वो मुस्कुराता है अपने दोस्तों के साथ होकर,
पर उसका दर्द मेरे अलावा कोई और नहीं है समझ पता,

मेरे दर्द की दवा है सिर्फ उसके पास,
पर उसको मेरा यूँ घुट घुट के मरना नहीं है नजर आता,

माना की उसे नहीं है मुझसे मोह्हबत,
पर इतनी सी बात पर मुझसे उससे रूठा नहीं जाता....

Monday, 12 September 2011

एक दिन तुझे भी मुझसे मोह्हबत हो जाएगी.....

एक दिन ऐसा भी आयेगा की तुझे भी मुझसे मोह्हबत हो जाएगी,
जिंदगी तेरी और मेरी और भी खूबसूरत हो जाएगी,
तू एक ख़त में मुझको मेरी मोह्हबत का जवाब अपनी "हाँ" में लिख भेजेगी,
उस दिन कायनात और भी खूबसूरत हो जाएगी..

मंजूर करेगा खुदा भी तेरे मेरे रिश्ते को,
उस दिन एक जोड़ी आसमान से नही,
बलकी ज़मीन पर मिलकर बन जाएगी,

वक़्त के पहियों में ताला लग जायेगा,
सारा जहाँ तेरी मेरी मोह्हबत को देखने के  लिए रुक जायेगा....
मेरी जिंदगी गमगीन न होकर एक खुशनुमा चमन सी महक जाएगी,
जिस दिन तू मेरा नाम अपनी लबों से पुकारेगी,


मुझको मालूम है की जितनी नफरत से तुने नाकारा था मेरी मोह्हबत को,
तू दुगनी शिद्द्त से मेरी मोह्हबत को अब अपनाएगी,
और मुझमे खामियां न तलाश कर,
सिर्फ मेरी मोह्हबत की मिसाल दुनिया को सुनाएगी.....

Tuesday, 6 September 2011

आँसुं (रो लेने दो आज मुझे)..........

कोई ना रोको आज मुझे कह लेने दो,
जितने भी आँसुं छुपाये बेठा हूँ सब बह जाने दो,

मेरी पलकें अब नहीं सह पाती है मेरे आंसुओं का बोझ,
उसकी याद में मुझे अब जी भर के रो लेने दो,

कब से छुपाये बेठा हूँ उसके दर्द को अपनी आँखों में,
मेरी मोह्हबत की दास्ताँ अब, मेरे आंसुओं को कह लेने दो,

उसकी जिंदगी पर तो मेरा हक अब कुछ भी नहीं,
उसकी तस्वीर को तो अब मेरे आंसुओं से भिगो लेने दो,

वक़्त बेवक्त चली आती है उसकी याद,
उसकी यादों का सिलसिला अब खत्म करने दो,
मेरी आँख का आंसूं अब सूखने दो,

थक गया हूँ में अब उसका इंतज़ार करते करते,
अब मुझे दो पल चैन से जी लेने दो,

मुझे मालूम है उसपर कोई फर्क नहीं पड़ता मेरे आंसुओं का,
ए दोस्त उसको भी खुश रहने दो , और मुझे भी चैन से रो लेने दो............

Saturday, 3 September 2011

आलम-ए-तन्हाई.........

तुम अभी यहीं थे, अभी अभी चले गए,
दिल को कुछ ऐसी झूठी तस्सली देनी पड़ती है धड़कने के लिए,

ऐसे ऐसे मंजर नजर आते हैं बीते कल के,
की निगाहें छुपानी पड़ती है आंसूं छुपाने के लिए,

ज़रा दो कदम हमारे साथ चल दिए होते,
जन्नत नसीब हो जाती हमें उम्र भर के लिए,

बिखर गयी जिंदगी मेरी ताश के पत्तो की तरह,
एक रहगुजर चाहिए अब उसे समेटने के लिए,

मुझको तो खुदा ने बनाया है रेत मानिंद सा,
एक पत्थर दिल चहिये तुझ जैसा, दिलों को तोड़ने के लिए,

तुम आओगे, तुम आ सकते हो, पर तुम आना नहीं चाहते,
आखिर एक बेवफा भी तो होना चाहिये दुनिया में, बेवफाई जिंदा रखने के लिए............

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