Thursday, 24 February 2011

दोस्ती (FRIENDS FOREVER..)....

एक अजीब सी हलचल मच जाती है,
जब-जब दोस्ती अपना रंग जमाती है,
कुछ नहीं दिखता जहान में,
बस दोस्त की दोस्ती नजर आती है....

सूखी आँखों में आंसू ढूंढ लेती है,
बाहरी ख़ुशी में अन्दर का गम तलाश लेती है,
जिंदगी जन्नत बन जाती है उसकी,
जिसे सच्ची दोस्ती नसीब हो जाती है...

दोस्ती का बड़ा ही अजीब रिश्ता है,
खून का न होकर भी खून के रिश्ते से बढकर होता है,
खुदा भी अपने घुटने टेक देता है,जब दोस्त की मुराद शुरू होती है,
सारी कायनात दुआ देती है,
ऐसी दोस्ती खुशनसीबों को ही नसीब होती है,

मौत भी करीब नहीं आती,
जब-जब दोस्ती दिल के नजदीक होती है,
सारे जहां की बददुआ, दुआ में तब्दील हो जाती है,
ज़िन्दगी का हर सपना सच होता नजर आता है,
दोस्त के प्यार मैं मुझे दुनिया का हर सुख नजर आता है....

दोस्त की आँखों में पिता का आत्मविश्वास,
दोस्त के स्पर्श में माँ की  ममता,
दोस्त के संग जिन्दगी में परिवार की कमी महसूस नहीं होती,
इसलिए दोस्ती इस दिल के सबसे करीब है रहती....


हम आज एक दुसरे से यह वादा करते है,
लाख दुःख आयें पर दोस्ती न तोड़ेंगे,
ज़िन्दगी की आखरी सांस तक हम एक दूजे का साथ न छोड़ेंगे......


FRIENDS FOREVER.......



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