Monday, 14 November 2011

ए आवारा देख यह क्या हो गया...

ए आवारा देख यह क्या हो गया,
जिसे तुने छोड़ा था तनहा, वो किसी और का हो गया,

जिसका जिस्म तुझे नजर आता था खिलौना,
वो किसी की इबादत का घर बन गया,

जिसकी आँखों के आंसूं लगते थे तुझे पानी,
उन मोतियों का अब कोई सागर हो गया,

जिसके होंठों से चीन ली थी तुने मुस्कराहट,
अब वो तुझपे हसने के काबिल हो गया,

जिसके दामन में तुने उछाले थे कई दाग,
आज वो दामन सबसे पाक हो गया,

जिसके चेहरे पर तुने दिए थे कई निशाँ,
देख आज वो चेहरा चाँद सा खूबसूरत हो गया,

सच्ची मोह्हबत का ही करम है उसपर,
की वो आबाद और तू बर्बाद हो गया.....

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