Friday, 22 April 2011

Dedicated to all MOTHERS "माँ "

माँ शीतल है, माँ निर्मल  है,
माँ दौलत है, माँ शोहरत है,
माँ डूबती नईया का सहारा है,
माँ सरल स्वरुप 2 का पहाडा है,
माँ की आँखों में मुझे सारा संसार नजर आता है,
मुझे मेरी माँ में ईशवर नजर आता है....

भूकी रहकर बच्चो को ढूध पिलाये वो माँ है,
मखमली गद्दे पर सुला कर खुद ज़मीन पर सोजाए वो माँ है,
कुछ भी न कहने पर सब कुछ समझ जाये वो माँ है,
माँ चाँद है, माँ सूरज है,
माँ सितारों से भरा आकाश है,
माँ खुशनुमा फूलों से भरी वादी है,
जो हर दुःख को दूर ले जाए, मेरी माँ वो तेज आंधी है....

जिंदगी में सहनशीलता सिखाये जो वो माँ है,
आँचल में छुपाकर कड़ी धुप से बचाए वो माँ है,
बच्चो की लम्बी उम्र के लिए नंगे पैर पहाड़ चढ़ जाये वो माँ है,
अपनी हर इच्छा भुला के बच्चो की इच्छा पूरी करे जो वो माँ है,
माँ धेर्य है, माँ शांति है,
माँ अंधियारे में जलती हुई लौ के भांति है,
माँ के स्पर्श से सारा दुःख दूर हो जाता है,
मुझे मेरी माँ के आँचल में स्वर्ग नजर आता है......

माँ की आँख में कभी आंसूं न आने देना,
उसे इस दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान देना,
क्यूंकि माँ से बढ़कर इस दुनियां में कोई और नहीं है,
वो तेरी जननी है उसकी मोह्हबत का कोई मोल नहीं है..... 

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