Sunday, 27 March 2011

वो रात का मंजर ही कुछ अलग था.... (For AKASH BHAIYA) @dextrousworld

वो रात का मंजर ही कुछ अलग था,
वो शाम में कशिश ही कुछ अलग थी,
जिंदगी में मेरी चार चाँद लग गए थे,
जब मैंने तुझ जैसा दोस्त पाया था....

वो तेरा मुझे प्यार से छोटे बुलाना,
वो तेरा मुझे हर बात पर एक सीख देना,
वो तेरा मुझे हमेशा सताते रहना,
हर एक पल को मैंने ख़ास संजो के रख लिया है,
जिंदगी के उन पलों को मैंने फूलों की माला की तरह पीरों के रख लिया है......

वो तेरा मेरी गलतियों को नादानी समझना,
वो तेरा मेरी शरारतों  के लतीफे बनाना,
हर एक पल को सपनो से हकीकत में आते देखा है मैंने,
जो प्यार मुझे तुझसे मिला उन्हें वहीँ थाम दिया है मैंने.....

न जाने क्या गलती कर बैठा में नादान,
शब्दों से खेलना सीखा नहीं मैंने,
लगता है इसलिए तेरे दिल को दुखा बैठा में नादान,
मेरी हर गलती की सजा में भुगतना चाहता हूँ,
हर सजा मंज़ूर है बस तुझसे दूर नहीं रहना चाहता हूँ......

मुझे एक दफा फिर तू उतना ही प्यार दे,
मेरी गलतियों को फिर नादानी  समझ कर कर टाल दे..........


I AM SORRY AKASH BHAIYA (@Dextrousworld)

2 comments:

  1. wowwwww chhote
    its so touchy n luvly
    god bless u
    am speechless man
    i was alone no bro n no sis
    but god gave me u :)
    thank u so much chhote

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  2. hey aisa kabhi na kehna ki apka koi bro ya sis nahi hai...main hu na....samjhe nahi to katal kar dalunga apka.... :-P

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